दिल्ली की आंटी की चुदाई की कहानी

हेलो दोस्तों, आज मैं आपको अपनी एक हॉट और सच्ची चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो मेरे और एक खूबसूरत आंटी के बीच हुई। ये कहानी इतनी मस्त है कि आप इसे पढ़कर गर्म हो जाएंगे। पहले मैं अपना परिचय दे देता हूँ। मेरा नाम स्पर्श है, मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ। मेरी हाइट 5 फुट 9 इंच है, और मेरी बॉडी फिट और मस्कुलर है।

एक दिन मेरी पुरानी सेक्स स्टोरी पढ़कर मेरे पास एक ईमेल आया। उसमें लिखा था, “मुझे आपकी कहानी बहुत पसंद आई। मैं आपसे मिलना चाहती हूँ।” उसने अपना कॉन्टैक्ट नंबर भी भेजा था। मैंने फटाफट उस नंबर पर कॉल किया। बात कुछ ऐसी हुई:

स्पर्श: हेलो?
पाठिका: हाय, कौन बोल रहा है?
स्पर्श: मैं स्पर्श। आपने मुझे ईमेल किया था ना?
पाठिका: ओह हाँ, स्पर्श! हाय, मुझे तुम्हारी स्टोरी बहुत मस्त लगी। मैं तुमसे मिलना चाहती हूँ। मेरा नाम वनिता है, और मैं 38 साल की हूँ।
स्पर्श: अरे, वाह! तो मुझे अपना एड्रेस और टाइम बता दो।

वनिता ने मुझे अपना दिल्ली का एड्रेस भेजा और मिलने का टाइम फिक्स किया। मैंने सोचा, “चलो, देखते हैं ये मुलाकात कहाँ ले जाती है।”

उसके बताए टाइम और डेट पर मैं उसके घर पहुँच गया। जैसे ही मैंने डोरबेल बजाई, दरवाजा खुला और सामने एक 38 साल की गजब की खूबसूरत आंटी खड़ी थी। उसने लाल रंग की साड़ी पहनी थी, जो उसके जिस्म को पूरी तरह से गले लगा रही थी। उसका मेकअप परफेक्ट था, और उसके बदन से गुलाब जैसी खुशबू आ रही थी। शायद उसने कोई महंगा परफ्यूम लगाया था। उसके मम्मे साड़ी के ब्लाउज़ में कसकर भरे हुए थे, और इतने तने हुए थे कि मेरी नजरें वहीँ अटक गईं। उसके गुलाबी होंठ इतने रसीले थे कि मैं बस उन्हें चूमने को बेताब हो गया। मैं उसे एकटक देखता रह गया।

वनिता ने मुस्कुराते हुए कहा, “अरे, अंदर तो आओ!” मैं उसके घर में दाखिल हुआ। घर में कोई और नहीं था। उसने मुझे सोफे पर बिठाया और पानी का गिलास दिया। गिलास लेते वक्त मैंने जानबूझकर उसकी उंगलियों को छुआ। वो हल्के से मुस्कुराई और मेरे पास सोफे पर बैठ गई। मेरा लंड तो पहले ही टाइट होने लगा था।

वनिता: मैं तो सोच रही थी कि तुम कोई उम्रदराज़ आदमी होंगे, लेकिन तुम तो इतने हैंडसम और जवान हो!
स्पर्श: (हँसते हुए) और तुम तो बिल्कुल माल हो, आंटी! वैसे, घर में और कौन-कौन रहता है?
वनिता: बस मैं और मेरे पति। लेकिन वो अभी बाहर गए हैं। उनके आने तक तुम मेरे साथ जो चाहो कर सकते हो।

उसकी ये बात सुनकर मेरे बदन में करंट दौड़ गया। मैं धीरे-धीरे उसके करीब सरक गया और उसका हाथ पकड़ लिया। वो चुप थी, लेकिन उसकी साँसें तेज हो रही थीं। मैंने उसके हाथ को सहलाना शुरू किया, फिर धीरे-धीरे मेरे हाथ उसके कंधों तक गए। मैंने उसके ब्लाउज़ के ऊपर से उसके मम्मों को हल्के से छुआ। उसने मेरी तरफ नशीली नजरों से देखा, और मैं समझ गया कि वो भी तैयार है।

मैंने उसके मम्मों को ब्लाउज़ के ऊपर से दबाना शुरू किया। वो “आह्ह…” की आवाज के साथ सिहर उठी। उसकी आँखें मस्ती में बंद होने लगीं। मैंने धीरे-धीरे उसके ब्लाउज़ के बटन खोले और उसे उतार दिया। अब वो सिर्फ काली ब्रा में थी। उसके मम्मे इतने बड़े और सख्त थे कि ब्रा से बाहर आने को बेताब थे। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को जोर-जोर से मसला। वो “उह्ह… आह्ह…” की आवाजें निकाल रही थी।

फिर मैंने उसकी साड़ी खींचकर उतार दी। उसका पेटीकोट ऊपर उठाया और उसकी मुलायम जांघों पर हाथ फेरने लगा। धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी पेंटी के ऊपर उसकी चूत पर पहुँच गया। उसकी चूत गीली हो चुकी थी, और पेंटी के ऊपर से ही उसकी गर्मी महसूस हो रही थी। मैंने पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ा, और वो “आह्ह… उह्ह…” की मादक सिसकारियाँ लेने लगी।

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मैंने उसका पेटीकोट भी उतार दिया। अब वो सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी। उसने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए और मेरी चौड़ी छाती पर हाथ फेरने लगी।
वनिता: तुम्हारी बॉडी तो बहुत सॉलिड है, स्पर्श!

मैंने उसके होंठों को चूम लिया। उसकी जीभ मेरे मुँह में थी, और हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूस रहे थे। उसने मेरी पैंट उतार दी, और मेरा लंड निक्कर में तंबू बनाकर खड़ा था। उसने मेरा निक्कर नीचे खींचा, और मेरा 8 इंच का लंड बाहर आ गया। उसकी आँखें फट गईं।
वनिता: अरे बाप रे! इतना बड़ा लंड? मैंने तो पहले कभी इतना बड़ा नहीं देखा!

वो मेरे लंड को पकड़कर सहलाने लगी और फिर उसे अपने मुँह में ले लिया। वो इतने प्यार से मेरे लंड को चूस रही थी कि मैं सातवें आसमान पर था। मैंने उसकी ब्रा उतार दी और उसके बड़े-बड़े मम्मों को चूसना शुरू किया। उसके निप्पल कड़क हो चुके थे, और मैं उन्हें जीभ से चाट रहा था। वो “आह्ह… चूसो… और जोर से…” कह रही थी।

कुछ देर बाद मैंने उसकी पेंटी उतार दी। उसकी चूत बिल्कुल चिकनी और गीली थी। मैंने उसकी चूत को उंगलियों से सहलाया, और वो सिहर उठी। मैंने अपना लंड उसकी चूत की फांकों पर रगड़ा। वो बोली, “धीरे डालना, मेरी चूत फट जाएगी!” मैंने धीरे-धीरे लंड उसकी चूत में डाला। उसकी चूत इतनी टाइट थी कि लंड को अंदर जाने में थोड़ा वक्त लगा। जैसे ही मेरा पूरा लंड अंदर गया, मैंने धक्के मारना शुरू किया।

“आह्ह… उह्ह… और जोर से… चोदो मुझे…” वो चिल्ला रही थी। मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी। उसकी चूत से “पच-पच” की आवाजें आ रही थीं। वो मेरे हर धक्के के साथ मस्ती में सिसकारियाँ ले रही थी। करीब 30 मिनट की चुदाई के बाद वो दो बार झड़ चुकी थी। मैंने अपनी स्पीड और तेज की, और फिर मेरा लंड भी झड़ गया। उसकी चूत मेरे माल से भर गई।

हम दोनों थककर एक-दूसरे की बाहों में लेट गए। मैंने कहा, “जब तक मैं यहाँ हूँ, हम दोनों कपड़े नहीं पहनेंगे। नंगे ही रहेंगे।”
वनिता: ठीक है, मेरे राजा। मैं तुम्हारी बीवी हूँ आज। जो चाहो करो मेरे साथ।

शाम तक हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे की बाहों में पड़े रहे। वो मेरे लंड से खेल रही थी, और मैं उसके मम्मों को सहला रहा था। फिर वो खड़ी हुई और किचन में खाना बनाने चली गई। वो बिल्कुल नंगी थी, और उसकी गांड चलते वक्त ऊपर-नीचे हो रही थी। मैं उसे देखकर फिर से गर्म हो गया।

मैं किचन में गया और उसके पीछे खड़ा हो गया। मेरा लंड उसकी गांड के छेद को छू रहा था। मैंने उसके मम्मों को पीछे से पकड़ लिया और जोर-जोर से मसलने लगा। वो हँसते हुए बोली, “अरे, रोटी तो बनाने दे!” मैंने उसके मम्मों पर तेल लगाया और मसाज करने लगा। फिर मैंने उसकी गांड पर तेल लगाया और उसके छेद को उंगली से सहलाया। वो पूरी तरह से गर्म हो चुकी थी।

उसने गैस बंद की और मेरे होंठों को चूसने लगी। हम दोनों 10 मिनट तक एक-दूसरे की जीभ चूसते रहे। फिर उसने मेरे लंड पर तेल लगाया और मसाज करने लगी। हम दोनों का बदन चिकना हो गया था। मैंने उसे उठाकर बाथरूम में ले गया।

वनिता: (हँसते हुए) ये लंड तो अभी खाना खाकर भी भूखा है!
स्पर्श: इसकी भूख तो तुम्हारी चूत ही मिटाएगी!

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बाथरूम में मैंने उसके मम्मों पर साबुन लगाया और मसलने लगा। मेरा लंड उसकी गांड को छू रहा था। वो मेरे लंड को पकड़कर साबुन लगाने लगी और सुपारे को रगड़ने लगी। मैंने उसके निप्पल को मुँह में लिया और चूसने लगा। वो “आह्ह… उह्ह… चूसो मेरे राजा…” कह रही थी।

फिर मैंने उसे बाथरूम के फर्श पर लेटाया। मैंने अपना लंड उसके मम्मों पर रगड़ा। वो “उईई… अब डाल दे… मेरी चूत में डाल दे…” कह रही थी। मैंने साबुन लगे लंड को उसकी चूत में डाला। साबुन की वजह से लंड फटाक से अंदर चला गया। मैंने जोर-जोर से धक्के मारने शुरू किए। “पच-पच” की आवाजें पूरे बाथरूम में गूंज रही थीं। वो “आह्ह… उह्ह… चोदो मुझे… और जोर से…” चिल्ला रही थी।

करीब एक घंटे की चुदाई के बाद वो फिर से झड़ गई। मैंने भी अपना माल उसकी चूत में छोड़ दिया। वो मेरे गाल पर चूमते हुए बोली, “तुमने तो मुझे जन्नत दिखा दी।”

रात का खाना भी हमने नंगे ही खाया। वो मेरी गोद में बैठी थी, और हम एक-दूसरे को खाना खिला रहे थे। खाना खाने के बाद वो बर्तन धोने गई। मैं उसे देख रहा था। उसकी गांड और मम्मे हिल रहे थे, और मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया।

वो बेड पर आई और मेरे पास लेट गई। अचानक उसने अलमारी से एक ब्लू फिल्म की सीडी निकाली और प्लेयर में लगा दी। हमने फिल्म देखना शुरू किया। मैंने उसकी चूत में उंगली डाली और चाटने लगा। वो “आह्ह… उह्ह…” की आवाजें निकाल रही थी। फिर उसने मेरे लंड को मुँह में लिया और चूसने लगी।

फिर वो मेरे ऊपर चढ़ गई और मेरा लंड अपनी चूत में डाल लिया। वो ऊपर-नीचे होने लगी। मैं उसके मम्मों को दबा रहा था। करीब 15 मिनट बाद वो कुतिया की तरह हो गई, और मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। फिर मैंने उसकी गांड में लंड डाल दिया। वो चिल्लाई, “उईईमा… मेरी गांड फट गई… आह्ह…” मैंने धीरे-धीरे उसकी गांड की चुदाई शुरू की। वो भी मजे में आ गई। करीब एक घंटे बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया।

हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे की बाहों में सो गए। अगले दिन सुबह 10 बजे उठे और एक साथ नहाए। वो नंगी ही नाश्ता लाने गई।

वनिता: मेरे पति 3 बजे तक आ जाएंगे। तुम 12 बजे चले जाना।
स्पर्श: ठीक है।

नाश्ते में ब्रेड और मक्खन था। मैंने मक्खन उसके मम्मों और निप्पल पर लगाया और चूसने लगा। वो “आह्ह… उह्ह…” की आवाजें निकाल रही थी। फिर उसने मेरे लंड पर मक्खन लगाया और चूसने लगी। मैंने उसकी चूत को चाटा। फिर उसने मेरा लंड अपनी चूत में डाला और धक्के मारने लगी।

मैंने एक केला लिया और उसकी चूत पर रगड़ा। फिर मैंने केले को कंडोम पहनाया और उसकी चूत में डाला। वो चिल्लाई, “उईई… ये क्या… मुझे तुम्हारा लंड चाहिए!” मैंने अपना लंड उसकी चूत में डाला और जोर-जोर से चोदा। करीब एक घंटे बाद वो झड़ गई। मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाला, और वो मेरा माल पी गई।

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फिर हमने कपड़े पहने। उसने कहा, “तुमने मुझे जन्नत दिखा दी। अब हम कभी कॉन्टैक्ट नहीं करेंगे।”
स्पर्श: ठीक है, मैं तुम्हें कभी कॉन्टैक्ट नहीं करूँगा।

हमने आखिरी बार लिप किस किया और एक-दूसरे की जीभ चाटी। फिर मैं वहाँ से चला गया। मैंने उसका नंबर डिलीट कर दिया।

दोस्तों, आपको मेरी ये चुदाई की कहानी कैसी लगी? अपनी राय मुझे जरूर बताएं।

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